धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय, जीवनी, बागेश्वरधाम, ताज़ान्यूज़,आयु, व्यक्तित्व, उद्देश्य, उम्र, भजन, विवाद, परिवार, शादीकिससेहुई, धर्म, महाराज, भागवतकथा, जाति (Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi) (Bageshwar Dham, Kahan hai, Maharaj, Date of Birth, Wife, Family, Caste, Age, Latest News, Religion, Net Worth, Katha, Location, Temple, Biography of Bageshwar Dham Sarkar )
आजकल जहा देखे वहाँ, जिधर देखे वही, सब कोई महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में चर्चाये चल रही हैं। आप किसी भी सोशल मीडिया पे देखे –Youtube, Facebook, etc. वही छाये हुए हैं। यहाँ तक की टीवी न्यूज़ चॅनेल पे भी छाये हुए है। हम आज यही जानने की कोशिश करेंगे की उन्होंने ऐसा क्या चमत्कार कर दिया है की ये आज इतना पृष्ठ हो गए है। उनको लेकर अभी क्या बात – विवाद चल रहा है। और साथ ही में हम उनके जीवन पे भी प्रकाश डालेंगे।
हम सब आज यही जानने की कोशिश करेंगे की आखिर उनके जीवन में क्या हुआ, वे क्या किये की अचानक वे इतने प्रशिद्ध हो गए। तो चलिए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय पे प्रकाश डालते है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय | Biography of Bageshwar Dham Sarkar in Hindi
मध्य प्रदेश के बागेश्रवर बालाजी धाम में अपना दरबार लगाने वाले महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज इंटरनेट पे धूम मचाये हुए है। आज उनकी भक्तो की संख्या लाखो में है और उनके द्वारा इंटरनेट पे डाली गयी वीडियो के लाखो देखने वाले है। अचानक ऐसा महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री में क्या कर दिया की आज उनके लाखो भक्त है? ऐसा इसीलिए क्यों की ऐसा कहा जा रहा है की वे लोगो के मन की बात बिना किसी के बातये जान लेते हैं और उनके समस्याओ का समाधान करते है। यही कारन है की लोग उनको बालाजी के अवतार बताते/मानते है।
नाम | श्री धीरेन्द्र कृष्ण जी |
उपनाम | बागेश्वर धाम महाराज |
प्रसिद्ध नाम | बालाजी महाराज, बागेश्वर महाराज, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री |
जन्म | 4 जुलाई 1996 |
जन्म स्थान | गड़ा, छतरपुर, मध्य प्रदेश |
धर्म | हिन्दू |
पिता का नाम | राम कृपाल गर्ग |
माता का नाम | सरोज गर्ग |
दादाजी का नमा | भगवान दास गर्ग |
भाई-बहन | शालिग्राम गर्ग जी महाराज (छोटा भाई), एक बहन |
जाति | पंडित |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
शैक्षिक योग्यता | कला वर्ग में स्नातक |
भाषा | बुंदेली, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी |
व्यवसाय | सनातन धर्म प्रचारक, कथावाचक, दिव्य दरबार, प्रमुख बागेश्वर धाम, यूट्यूबर |
गुरू | श्री दादा जी महाराज सन्यासी बाबा |
नेटवर्थ | 19.5 करोड़ |
धीरेन्द्र कृष्ण कौन है ? | परिवार एवं शुरूआती जीवन, जन्म, उम्र |Family and Early Life, Birth, Age
4 जुलाई 1996 दिन गुरुवार को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा पंज गांव के एक ब्राह्मण परिवार में महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म हुआ था। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनके दादा जी, एक बहन और एक छोटा भाई हैं। उनका परिवार गरीब होने के कारन वे वृन्दावन जा के पढाई नहीं कर सके, वे बचपन में अपने दादा जी से ही पढाई की। उनके दादा जी ही उनको रामायण और महाभारत की ज्ञान दी है। महाराज धीरेन्द्र कृष्ण को बचपन से ही आध्यात्मिक चीजों से काफी लगाओ था। वे अपने पढाई के साथ साथ वही मदिर में बैठ कर श्री बालाजी का ध्यान लगाया करते थे।
धीरेन्द्र कृष्ण जी का शारीरिक मापदण्ड
ऊँचाई(Height) | 5’9 फीट |
वज़न(Weight) | 64 किलोग्राम |
रंग(Color) | गोरा |
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की शिक्षा | Education of Dhirendra Krishna Shastri
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण अपने बचपन में की अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने दादा जी की सहायता से अपने गांव के एक स्कूल से प्राप्त की। लेकिन प्रारंभिक के बाद उन्हें पढ़ने के लिए उन्हें उनके गांव से 5 किलोमीटर दूर जा कर दूसरे स्कूल में पढ़ना पड़ा। हाई स्कूल पढ़ने के बाद वे कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से बीए कंप्लीट किया।
लेकिन पढ़ाई में ज्यादा मन ना लगने के कारण उन्होंने अपनी पढाई छोड़ दी और बाकि बची आध्यात्मिक शिक्षा उन्होंने ने अपने दादाजी से ली जैसे की : महाभारत, रामायण, भागवत कथा और पुराण महाकाव्य की शिक्षा। और वही बागेश्रवर मंदिर में दरबार लगाना शुरू किया दिया। जिसके परिणामस्वरूप वे हनुमान जी की साधना में और ज्यादा ध्यान देने लगे और कम उम्र में ही सिद्धि को प्राप्त कर लिया।
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के गुरू | Guru of Dhirendra Shastri
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म जिस परिवार में हुआ था उनका बागेश्वर धाम में काफी विश्वास था। महाराज धीरेन्द्र कृष्ण के दादाजी बागेश्वर धाम में ही रहा करते थे। और आज उनके दादाजी गुरू सन्यासी बाबा की समाधि भी वही मौजूद है। आपको जान के ये हैरानी होगी कि, सन्यासी बाबा भी इन्ही के वंश के थे, जिन्होंने तकरीबन 320 साल पहले समाधि लेली थी।
महाराज धीरेन्द्र जी के दादाजी बहुत साल समय से बागेश्वर धाम में दरबार लगाया करते थे और उन्ही को देख के महाराज धीरेन्द्र जी के अंदर इसकी आस्था जागी और वे अपने ही दादाजी के दरबार में अर्जी लगाई। वे अपने परिवार की हालत देखकर उनसे इससे छुटकारा की अर्जी लगायी। जिसके बाद उनके दादा जी ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया। शिष्य बनाने के बाद इन सिद्धियों की शिक्षा प्राप्त की और बाग्शेवर धाम की सेवा करनी शुरू कर दी।
बागेश्वर धाम क्या है? | What is Bageshwar Dham
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले मके गड़ा नमक गांव में स्थित एक हनुमान जी की मंदिर है जो आज बागेश्रवर धाम से प्रसिद्ध है। यह महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जी का अपना पैतृक गांव है। यहाँ पे महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जी अपना दरबार लगते है जिसमे दुनिया भर के लोग अपने नाम के अर्जी लगते है। मंगलवार बालाजी/हनुमान जी का दिन होता है इसी कारन यहाँ पे मंगलवार के दिन को ही चुना गया है अर्जी लगाने के लिए।
मंगलवार के अलावा यहाँ दूसरे किसी भी दिन अर्जी नहीं लगायी जाती। यहाँ ऐसी मान्यता है की जो कोई भी मंगलवार को लाल कपडे में नारियल बांध कर मंदिर में चढ़ा कर पूजा अर्चना करेगा उनका मनोकामना जरूर पूर्ण होगी। इसी कारन यहाँ मंगलवार को लाखो की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ इक्कठा होती है। और इसी दिन महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जी का भव्य दरबार लगता है, जहा पे लोग अपनी समश्याओ का समाधान ढूंढ पाते हैं।
बागेश्वर धाम के टोकन क्या होते हैं (What is Token)
अगर आप बागेश्रवर धाम जाने की सोच रहे है और पहली बार यहाँ आ रहे है तो आपको मंदिर सेवा समिति के कर्मचारियों से मिल के आपको टोकन लेना होगा, यह टोकन भगेश्रवर धाम सेवा समिति द्वारा जारी किया जाता है। टोकन पे कुछ विशेष ज्यादा जानकारी आपको नहीं देना होता इसपर केवल आपका नाम और आपका मोबाइल नंबर जानकारी दर्ज रहती है।
कैसे मिलेगा बागेश्वर धाम में दर्शन करने के लिए टोकन |How to Get Bageshwar dham Token
बागेश्वर धाम में जो टोकन आप लेते है उसपर दर्शन करने का महीना और तारीख लिखा रहता है। और इसी के अनुसार ही आप दर्शन कर सकते है तथा अपनी अर्जी लगा सकते है। इस टोकन के बिना आप कभी भी दर्शन नहीं कर पाएंगे।
कैसे लगाए घर बैठे अर्जी | How to Apply for “Arjee” from Home
अगर आप किसी भी कारणवस बागेश्वर धाम नहीं जा पा रहे है तो ये जानकारी आपके लिए है की आप अपने घर बैठे कैसे अपनी अर्जी लगाएंगे। सबसे पहले आप अपने घर में एक लाल कपड़ा ले और नारियल ले ले। उसके बाद नारियल को लाल कपडा से बांध ले और फिर ॐ बागरश्वराये नमः का जाप करे और अपने मन में आ रहे प्रश्नो को बोल दे। महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कहते है कि ऐसा करने से उनपे बागेश्वर धाम की कृपा बनेगी और दरबार में उनकी अर्जी अवश्य लगेगी।
बागेश्वर तीर्थ कैसे जाये ? | How to Reach Bageshwar Dham
बागेश्वर धाम जाना चाहते है तो ये जाने की वह की सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन Khajuraho Junction है जो धार के तक़रीबन 20 किलोमीटर की दुरी पे है। वह पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले ट्रेन से खजुराहो (Khajuraho Junction-KURJ) जाना होगा उसके बाद आप यहाँ से कोई भी लोकल सवारी यानि बस, टेम्पू , इत्यादि से जा सकते है।
धीरेन्द्र कृष्ण की सफलता की कहानी
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण जी की बात की जाये तो वो आर्थिक दृष्टिकोड से काफी अड़चनों का सामना किया है। गरीब परिवार से होने के कारन उनका पूरा बचपन गरीबी में ही बिता। 8वीं कक्षा तक की पढाई वो अपने ही गाओं के सरकारी स्कूल में की उसके बाद वो हाई स्कूल और इंटरमीडिएट करने के लिए पास के गाओं गंज जाते थे। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद वो अपना देखिए बी ए कॉलेज में करवाया लेकिन परिवार की स्थिति के कारन रेगुलर पढाई कर पाना संभव नहीं था। इसी कारन वे प्राइवेट से बी ए की पढाई पूरी की।
इनके सभी मित्र अच्छे कॉलेजों में पढ़ते थे लेकिन वे सब कभी भी धीरेन्द्र जी के तरफ ध्यान नहीं दिया। धीरेन्द्र जी की जीवन/परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए इन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण भिक्षा मांगकर किया था। ये पंडित थे इसलिए भिक्षा मांगना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। आज धीरेन्द्र कृष्ण के पास सब कुछ है पर ये आज भी ये कहते है की वे भिक्षा मांगकर खाते है। महाराज धीरेन्द्र कृष्ण जी अपने परिवार के सबसे बड़े बेटे है।
धीरेन्द्र जी के दो भाई और एक बहन है। ये परिवार में सबसे बड़े है इसीलिए परिवार की सारी जिम्मेदारी इन पर ही थी। इनके पिता जी का काम अच्छा नहीं चलता था इसलिए इनको ही आगे बढ़कर काम करना पड़ता। बाद में ये सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना प्रारम्वभ किया। जिससे वे कहते है की उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा। उनके अपने दादा जी बालाजी का दरबार लगाते थे और दरबार से मंदिर में बहुत सारा चढ़ावा आता था लेकिन इनके दादा जी इन पैसों का उपयोग अपने घर खर्च के लिए नहीं किया।
धीरेन्द्र कृष्ण जी ने अपना ध्यान भगवन के भक्ति में लगाया रखा। जिसके बदौलत आज वे खुद बागेश्वर धाम में बहुत बड़ा बालाजी का दरबार लगते है। इनके भक्तो की इनके प्रति बहुत आस्था है। आज ये बागेश्वर धाम में साल में एक बार भव्य भंडारा लगाते है, जिनमे गरीबों के कन्याओ का सामूहिक विवाह करवाते है और निशुल्क भोजन करवाते है।
महाराज धीरेन्द्र शास्त्री अपने द्वारा लिए प्रवचनों और बालाजी की इनके ऊपर विशेष कृपा से आज ये बहुत लोकप्रियता हासिल किये है। दिन पर दिन बागेश्वर धाम की श्रध्दालुओ की संख्या बढाती जा रही है। इन्होने हाल में ही 50 के करीब गरीब परिवार की कन्याओ की शादी करवाया हैं और इसकी खर्चा वे स्वंय उठाते है।
कैसे बने महाराज धीरेन्द्र कृष्ण पीठाधीश्वर | Dhirendra Shastri Bageshwar Baba
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण अपने दादा जी के साथी ही वही बागेश्वर धाम में गद्दी लगाते थे। लेकिन जब उनके दादाजी ने समाधि ले ली। तब वो ही एक केले ऐसे थे जो उसे संभाल सकते थे। इसी वजह से उनको वहां का पीठाधीश्वर बना दिया गया। पीठाधीश्वर बनाने के बाद अब वही यहां का सारा कार्यभार सँभालते हैं। हर मंगलवार को वे ही यहां पर बालाजी की आराध्ना और लोगों की समश्याओ का समाधान करते हैं।
महाराज धीरेन्द्र को पुरुस्कार मिला | Award achievement of Dhirendra Shastri
हालही में वे ब्रिटेन गए थे तक़रीबन 1 जून से 15 के बिच। जब वो लंदन पहुंचे थे तो उनका भव्य स्वागत किया गया था। जिसके बाद उन्होंने लंदन और लेस्टर शहर में श्रीमत भागवत कथा और हनुमत कथा का वाचन किया। जिसके फलस्वरूप उन्हें ब्रिटिश संसद की ओर से तीन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ये तीन पुरस्कार हैं संत शिरोमणि, वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन और वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप। ये पुरस्कार से सम्मानित होना बहुत ही गर्व की बात है।
2022 | 1. संत शिरोमणि 2. वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप 3. वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन |
महाराज धीरेन्द्र शास्त्री के चमत्कार | Magic of Bageshwar Dham Baba
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण एक कथावाचक हैं, ये कथा का वाचन करते है। महाराज बागेश्वर धाम में मंगलवार को अपनी सभा लगते है। वहाँ वो लोगों को ये बताते हैं नजर आते है कि, जिस परेशानी में हम सब जूझ रहे हैं उससे कैसे छुटकारा पाया जाए। लेकिन उनके भक्तो ने उनके लिए धारणा बनाई है कि, वो बिना बताए लोगों के मन की बात जान लेते है और उसका समाधान करते हैं जो सरासर सच है। और इसी वजह से लोग उन्हें चमत्कारी बाबा भी बुलाते हैं।
लाखों श्रद्धालु उनके दरबार में जाकर अपनी परेशानी बताकर उनका हल जानने की कोशिश करते है। श्रद्धालुओ द्वारा कहा जाता है की जो कोई भी बागेश्वर धाम जा कर अपनी अर्जी लगता है वो कभी खली हाथ नहीं लौटता। बागेश्वर धाम में हाजरी/अर्जी एक पर्ची के द्वारा लगाई जाती है जो आपको वही बागेश्वर धाम में ही मिलेगा। और इसी पर्ची पर भक्त अपना नाम लिखते है और बॉक्स में इस पर्ची को डाल देते है। बाद में बॉक्स से पर्ची को निकला जाता है और जो पर्ची निकलती है उसका नाम पढ़ कर उसे बुलाया जाता है।
महाराज धीरेन्द्र शास्त्री जी उस श्रद्धालु बारे में उसका नाम पढ़कर ही उसकी समस्या बता देते हैं। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि, जो महाराज की बताई रास्तो पे चलता है उसका काम पूर्ण होने से कोई नहीं रोक सकता।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री विवाद | Controversy of Dhirendra Krishna Shastri (Bageshwar Baba )
आज कल सोशल मीडिया पे देखा जा सकता है की कैसे लोग महाराज धीरेन्द्र कृष्ण पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ एक कैंपेन देखा गया था। और उस कैंपेन में उनके विरोध में बाते लिखी गई थी और ये भी बता गया की वे कैसे अन्धविश्वास फैला रहे है तथा वे कैसे लोगो के भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ये आरोप नागपुर की एक संस्था द्वारा लगाया गया है।
अंध श्रद्धा उन्मूलन संस्था के सदस्य श्याम मानव द्वारा उनके ऊपर ये आरोप लगाया हैं। श्याम मानव में महाराज को चुनौती दी है की वे नागपुर आये और अपना चमत्कार दिखाए। अगर वे ऐसा करने में सफल हो जाते है तो उन्हें 30 लाख का इनाम दिया जायेगा। लेकिन महाराज धीरेन्द्र कृष्ण द्वारा उनकी ये चुनौती को अस्वीकार कर दिया गया है।
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का विवाद पर बयान | Dhirendra Shastri Bageshwar Baba Statement
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण ने अपने ऊपर चल रहे विवाद पर ये कुछ मजाकिया अंदाज में बयान जारी करते हुए कहा है कि, हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार। इसका सीधा मतलब ये है कि, जो बोलता है वे केवल बोलता ही है और उसमे कुछ करने का दम नहीं होता। महाराज ने कहा कि वे सालों इस बोल पे जोर दे रहे है की, वे चमत्कारी नहीं हैं, ना ही कोई गुरू हैं। वे सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार बालाजी के सेवक हैं। उन्होंने ये भी कहा की अगर कोई उन्हें चुनौती दे रहा है तो वो खुद बागेश्वर धाम आकर उनके काम को देख सकता है। हम अपनी जगह छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।
बागेश्वर महाराज के कार | Car collection of Dhirendra Shastri
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण के पास बहुत सारी पर्सनल कारे हैं। जिसका उपयोग वे अक्सर बाहर जाने के लिए काम में लेते है। उनकी कार कलेक्शन की बात करे तो उसमे से एक है टाटा मोटर की फेवरिट एसयूवी टाटा सफारी जिसमें अक्सर उनको सवार होकर अक्सर मंदिर और आसपास प्रवचन देने जाते देखा जा सकता हैं।
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण की सम्पति | Net Worth of Bageshwar Baba (Dhirendra Shastri
महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री आज इतने प्रशिद्ध हो गए है की आज वो दिन के तक़रीबन 7-8 हजार रुपये आसानी से कमा लेते है और बिच बिच में कुछ कथा वचन से। इसी हिसाब से वो करीब महीने के 3 लाख रुपये से ज्यादा की कामिनी कर लेते हैं। वैसे इनका बचपन काफी गरीबी में बिता है पर आज उनके पास तक़रीबन 19-20 करोड़ की सम्पति हैं।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हम आपको यह बताने की कोशिश की है कि धीरेन्द्र कृष्ण जी के जीवन के बारे में। कैसे उनको सफलता पाने के लिए उनको किन किन दौर से गुज़ाना पड़ा है। आज उनको बागेश्वर धाम महाराज के नाम से पूरी दुनिआ जानती है। वे बागेश्वर धाम में अपना दिव्या दरबार लगते है जिसमे वे लोगो की समस्या का निवारण करने का अचूक मंत्र देते है।
उम्मीद करते है की आपको जानकारी पसंद आयी होगी। अगर आपको कोई सवाल या सुझाव है वो आप कमेंट कर ले हमसे पूछ सकते है। इस पोस्ट में दी गयी जानकारी भिन्न हो सकती है अतः पाठक से अनुरोध है की वो खुद इसकी पुष्टि कर ले। अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया तो आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि जो लोग धीरेंद्र कृष्ण जी के बारे में जानना चाहते है, उन तक ये जानकारी पहुंच सके।
FAQ
1. बागेश्वर धाम में कौन से भगवान का मंदिर है ?
उत्तर- हनुमान जी का।
2. धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म कहाँ और कहाँ हुआ था?
उत्तर- धीरेन्द्र कृष्ण जी का जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव गड़ा में 4 जुलाई 1996 को हुआ था, जो छतरपुर जिले में हैं।
3. बागेश्वर धाम बालाजी कौन से जिले में पड़ता है?
उत्तर- यह वहु-चर्चित धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में है।
4. बागेश्वर धाम में अर्जी कब लगाई जाती है ?
उत्तर- मंगलवार को।
5. बागेश्वर धाम के गुरु जी का नाम क्या है?
उत्तर- धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री।
6. बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है?
उत्तर- बागेश्वर धाम के लिए हम घर बैठे अर्जी लगा सकते है। आपको अगर घर से अर्जी लगाना है तो इसे सिर्फ आप मंगलवार को ही लगा सकते हैं। इसके बारे में जानकारी हमने पोस्ट में दिया हुआ है।